टिहरी: कुंजपुरी में तीर्थयात्रियों की बस खाई में गिरी, कई मृत–घायल, रेस्क्यू जारी
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गुजरात से आए तीर्थयात्रियों की बस कुंजपुरी दर्शन के दौरान पहाड़ी मोड़ पर अनियंत्रित होकर 70 मीटर गहरी खाई में गिरी। हादसे में चार से पाँच यात्रियों की मौत की पुष्टि, बीस से अधिक लोग गंभीर व हल्के रूप से घायल। मौके पर पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर तेज़ी से रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं।
टिहरी/ उत्तराखंड के टिहरी जनपद के कुंजपुरी क्षेत्र से एक बेहद दुखद और चिंताजनक खबर सामने आई है। रविवार दोपहर गुजरात से आए तीर्थयात्रियों से भरी एक बस प्रसिद्ध कुंजपुरी देवी मंदिर के दर्शन के लिए जा रही थी, तभी अचानक वह पहाड़ी मोड़ पर अनियंत्रित होकर लगभग 70 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र में सनसनी और शोक का माहौल पैदा कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस तेज ढलान वाले मोड़ की ओर बढ़ रही थी, जब अचानक चालक का वाहन पर नियंत्रण हट गया। सड़क संकरी होने के कारण बस सीधे ढलान की ओर बढ़ते हुए गहरी खाई में जा समाई। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई और क्षेत्र के स्थानीय लोग तुरंत राहत कार्य में जुट गए।
सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे में चार से पाँच यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जा रहा है। मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और अधिकारियों ने गुजरात प्रशासन के साथ समन्वय साधना शुरू कर दिया है ताकि परिजनों को सूचित किया जा सके।
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। खाई काफी गहरी होने के कारण घायलों को स्ट्रेचर और रोपिंग तकनीक के सहारे ऊपर लाया जा रहा है। पहाड़ी इलाका होने के कारण बचाव अभियान में काफी कठिनाइयाँ भी सामने आ रही हैं, लेकिन राहत कर्मी लगातार प्रयासरत हैं।
कुंजपुरी क्षेत्र तीर्थयात्रियों के बीच प्रसिद्ध स्थल है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उच्च पहाड़ी मार्ग होने के कारण यहां अक्सर सावधानी बरतने की जरूरत होती है। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि बस निजी ट्रैवल एजेंसी की थी और एक धार्मिक यात्रा कार्यक्रम के तहत गुजरात से आए श्रद्धालुओं को ले जा रही थी। हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है, जिसमें यह देखा जाएगा कि कहीं वाहन में तकनीकी खराबी, ओवरलोडिंग या ड्राइवर की थकान जैसे कारण तो नहीं थे।
टिहरी प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल यात्रियों को हायर सेंटर में रेफर किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल में विशेष चिकित्सा दल तैनात किए गए हैं। पास के क्षेत्रों के ग्रामीण भी बचाव दल की मदद कर रहे हैं और अपने स्तर पर राहत उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं।
गुजरात सरकार ने भी हादसे पर चिंता व्यक्त करते हुए पीड़ितों के लिए सहायता की घोषणा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्थानीय प्रशासन से सतत संपर्क बनाए रखा है ताकि घायलों के बेहतर उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह मार्ग अत्यंत खतरनाक है और पहाड़ी मोड़ों पर सुरक्षा बैरियर्स की कमी के कारण अक्सर दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। कई सामाजिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि इस मार्ग पर सुरक्षा बढ़ाने, बैरियर लगाने तथा नियमित वाहन फिटनेस जांच अनिवार्य की जाए।
फिलहाल घटनास्थल पर बचाव अभियान लगातार जारी है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करते समय मौसम, वाहन की स्थिति और सुरक्षा उपायों का विशेष ध्यान रखें, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।